Saturday 5 March 2016

बेवकत, बेवजह और बेसबब की बेरुखी तेरी....
पर फिर भी तुझे बेइँतहा चाहने की बेबसी मेरी....

Monday 20 July 2015

अच्छी सूरत को सवरने की जरुरत क्या है
सादगी भी तो क़यामत की अदा होती है.